Skip to main content

‘अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्धन योजना (स्‍पार्क)’ का वेब पोर्टल लांच



केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्‍ली में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्धन योजना (स्‍पार्क) का वेब पोर्टल लांच किया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि स्‍पार्क’ का लक्ष्‍य भारतीय संस्‍थानों और विश्‍व के सर्वोत्‍तम संस्‍थानों के बीच अकादमिक एवं अनुसंधान सहयोग को सुगम बनाकर भारत के उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में अनुसंधान परिदृश्‍य को बेहतर बनाना है। उन्‍होंने बताया कि इस योजना के तहत 600 संयुक्‍त शोध प्रस्‍ताव दो वर्षों के लिए दिये जायेंगेताकि कक्षा संकाय में सर्वोत्‍तम माने जाने वाले भारतीय अनुसंधान समूहों और विश्‍व के प्रमुख विश्‍वविद्यालयों के प्रख्‍यात अनुसंधान समूहों के बीच उन क्षेत्रों में शोध संबंधी सुदृढ़ सहयोग संभव हो सके जो विज्ञान की दृष्टि से अत्‍याधुनिक माने जाते हैं और विशेषकर भारत के संदर्भ में जिनकी सीधी सामाजिक प्रासंगिकता है।  

उन्‍होंने बताया कि सरकार ने अगस्‍त 2018 में 418 करोड़ रुपये की कुल लागत से 31 मार्च, 2020 तक कार्यान्‍वयन के लिए अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के संवर्धन के लिए योजना (स्‍पार्क)’ को मंजूरी दी थी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, खड़गपुर ‘स्‍पार्क’ के कार्यान्‍वयन के लिए राष्‍ट्रीय समन्‍वयकारी संस्‍थान है। इसका विवरण www.sparc.iitkgp.ac.in पर उपलब्‍ध है।

‘स्‍पार्क’ की मुख्‍य बातें निम्‍नलिखित हैं :
इस योजना से भारत के उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में अनुसंधान परिदृश्‍य बेहतर होगा। यह भारतीय संस्‍थानों [कुल शीर्ष-100 अथवा एनआईआरएफ में श्रेणीवार शीर्ष-100 (ऐसे निजी संस्‍थानों सहित जिन्‍हें यूजीसी अधिनियम की धारा 12बी के तहत मान्‍यता प्राप्‍त है)] और 28 चयनित देशों के सर्वोत्‍तम संस्‍थानों (कुल मिलाकर शीर्ष-500 और क्‍यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में शीर्ष-200 विषयवार संस्‍थान) के बीच अकादमिक एवं अनुसंधान सहयोग से संभव होगा जिसके तहत राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय प्रासंगिकता वाली समस्‍याओं को संयुक्‍त रूप से सुलझाने के प्रयास किये जायेंगे। इन 28 चयनित देशों में ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इजरायल, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, यूनाइटेड किंगडम (यूके), संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) शामिल हैं। उपर्युक्‍त पैमाने के अनुसार 254 शीर्ष भारतीय संस्‍थानों और 478 शीर्ष वैश्विक संस्‍थानों को इसके लिए पहले ही चि‍न्ह्ति किया जा चुका है। देश के लिए उभरती प्रासंगिकता और अहमियत के आधार पर ‘स्‍पार्क’ के तहत सहयोग के लिए पांच महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों (मौलिक शोध, प्रभाव से जुड़े उभरते क्षेत्र, सामंजस्‍य, अमल-उन्मुख अनुसंधान और नवाचार प्रेरित) के साथ-साथ प्रत्‍येक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र के अंतर्गत उप-विषय क्षेत्रों की भी पहचान की गई है।  



Comments

Popular posts from this blog

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Let us think about how we can fulfil the duties enshrined in our Constit...

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास और संस्‍कृति गतिशील है और यह मानव सभ्‍यता की शुरूआत तक जाती है। यह सिंधु घाटी की रहस्‍यमयी संस्‍कृति से शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। भारत के इतिहास में भारत के आस पास स्थित अनेक संस्‍कृतियों से लोगों का निरंतर समेकन होता रहा है। उपलब्‍ध साक्ष्‍य सुझाते हैं कि लोहे, तांबे और अन्‍य धातुओं के उपयोग काफी शुरूआती समय में भी भारतीय उप महाद्वीप में प्रचलित थे, जो दुनिया के इस हिस्‍से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है। चौंथी सहस्राब्दि बी. सी. के अंत तक भारत एक अत्‍यंत विकसित सभ्‍यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था। *******