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उप-राष्ट्रपति ने पुर्तगाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की



स्वच्छ भारत और मेक-इन-इंडिया समेत प्रमुख पहलों पर चर्चा भी की


उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, जो इस समय एएसईएम सम्मेलन के लिए ब्रुसेल्स में है, ने कल ईयू मुख्यालय में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री श्री एन्टोनियो कोस्टा के साथ द्विपक्षीय स्तर पर बात-चीत किया।
 उप-राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री कोस्टा को जनवरी 2017 में भारत की यात्रा के बारे में याद दिलाया जब उन्हें प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने भारत-पुर्तगाल संबंधों को और दृढ़ बनाने के लिए पीएम कोस्टा के व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की तारीफ की। उन्होंने पूरे विश्व में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए बनाई गई समिति में शामिल होने के लिए पीएम कोस्टा का धन्यवाद भी किया।उप-राष्ट्रपति ने पीएम कोस्टा को भारत सरकार के विभिन्न विकास कार्यक्रमों जैसे "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ" और स्वच्छ भारत तथा मेक-इन-इंडिया, डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों सहित अन्य प्रमुख पहलों के बारे में भी विस्तार से बताया।
 प्रधानमंत्री कोस्टा ने कहा कि वे द्विपक्षीय संबंधों की सकारात्मक प्रगति से काफी प्रसन्न थे। उन्होंने कहा कि भारत-पुर्तगाल द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा था और पुर्तगाली कंपनियों को भारतीय बाजार में काफी संभावना दिखाई दे रहा है जिससे वे काफी प्रोत्साहित थे। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि विजन-बॉक्स,पुर्तगाली प्रौद्योगिकी कंपनी, ने हाल ही में बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एक अनुबंध प्राप्त किया है जिसके तहत चेहरे की पहचान आधारित बायोमेट्रिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके निर्बाध और कागजरहित हवाई यात्रा की सुविधा का लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पुर्तगाल ने हाल ही में पणजी स्मार्ट सिटी पहल के तहत जल आपूर्ति और अपशिष्ट जल प्रबंधन की एक पायलट परियोजना के लिए गोवा के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
 उपराष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्षा, अंतरिक्ष, आधारभूत संरचना और स्टार्टअप आदि ऐसे क्षेत्र हैं जो संभावित व्यावसायिक अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन फिर से देने हेतु पुर्तगाल का धन्यवाद भी किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यूएनएससी में भारत के शामिल होने से संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ जाएगी।

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