Skip to main content

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना

आरंभ तिथि : 15.7.2015
उद्देश्य : देश भर में औपचारिक अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण(एसटीटीप्रदान करना  और युवाओं के बीच रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रमाणन के माध्यम सेउनके कौशल (आरपीएलको पहचानना

उपलब्धियां:
·         येाजना के तहत के दौरान देशभर में 13,000 प्रशिक्षण केंद्र खोले गए जिनमें 375 व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया गया। .
·         योजना के तहत (2015-16)  के दौरान 19.85 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया

पीएमकेवाई -2 (2016-20) के तहत :

·         पीएमकेवाई- 2,  के तहत  31.03.2018, तक 23.78 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया जिनमें (16.43 लाख एसटीटी तथा 7.03 लाख आरपीएल शामिल थे। पूर्व कौशल पहचान तथा अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत करीब 5.70 लाख युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। वर्ष  2017, में पीएमकेवाई (एसटीटीके तहत 11 लाख उम्मीदवरों को प्रशिक्षण दिया गया जबकि आरपीएल के तहत 3.7 लाख लोगों के कौशल का आकलन कर उन्हें प्रमाणपत्र  दिया गया      
·         देश भर में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों के रूप में मॉडल प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं।  26.03.2018, तक ऐसे 526   केन्द्र 27 राज्यों के उन 484 जिलों के लिए आवंटित किए गए हैंजिनमें 406 संसदीय क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से  415, केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। चौथे चरण के तहत बाकी बचेजिलों और संसदीय क्षेत्रों के लिए ऐसे केन्द्रो के आवंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है।
·         केन्द्र प्रायोजित और राज्य प्रबंधित ऐसे केन्द्रों में 2020 तक 35 जिलों और संघशासित प्रदेशों में के लिए  20.5 लाख लोगों को प्रशिक्षण उपलब्ध करानेका लक्ष्य रखा गया है इसके लिए  3 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
·         मार्च 2018 तक राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में स्थित ऐसे केंद्रों में 6.01 लाख प्रशिक्षण दिया जाएगा।
·         पीएमकेवीवाई केंद्रों में ताजा प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत कुल उमीदवारों ने 50 फीसदी महिलाएं हैं।

*******

Comments

Popular posts from this blog

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Let us think about how we can fulfil the duties enshrined in our Constit...

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास और संस्‍कृति गतिशील है और यह मानव सभ्‍यता की शुरूआत तक जाती है। यह सिंधु घाटी की रहस्‍यमयी संस्‍कृति से शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। भारत के इतिहास में भारत के आस पास स्थित अनेक संस्‍कृतियों से लोगों का निरंतर समेकन होता रहा है। उपलब्‍ध साक्ष्‍य सुझाते हैं कि लोहे, तांबे और अन्‍य धातुओं के उपयोग काफी शुरूआती समय में भी भारतीय उप महाद्वीप में प्रचलित थे, जो दुनिया के इस हिस्‍से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है। चौंथी सहस्राब्दि बी. सी. के अंत तक भारत एक अत्‍यंत विकसित सभ्‍यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था। *******