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गुरू नानक की शिक्षा से प्रेरित सिख समाज की मानव सेवा अनुकरणीय – उपराष्ट्रपति




भारत के 50 प्रतिष्ठित सिख नागरिकों के जीवन वृत्त के संकलन ‘Prominent Sikhs of India’ के विमोचन के अवसर पर भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने सिख मत में निहित नि:स्वार्थ मानवसेवा की भावना को वृहत्तर समाज के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि सिख समाज ने न केवल देश और विश्व के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है बल्कि सभी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा की है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने विश्व के विभिन्न भागों में सिखों द्वारा की जा रही मानवसेवा तथा विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव के उपदेशों में ‘Care and Share’ की मूल भारतीय परंपरा निहित है। सिख समुदाय की वीरता की परंपरा का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास वीर सिखों के देशप्रेम और देशभक्ति का साक्षी है। जब-जब देश को आवश्यकता पड़ी सिखों ने अपना सर्वस्व लगा कर देश की रक्षा की है।     इस अवसर पर युवा प्रतिभा पलायन की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवा पाठक इन प्रतिष्ठित विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेकरदेश में ही रह कर राष्ट्र-उत्कर्ष के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की आबादी के 65% युवादेश में परिवर्तन के प्रवर्तक बन सकते हैं। इसके लिए युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा और प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि Make in India, Digital India, Skill India जैसे कार्यक्रमों को जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए। 

पुस्तक में डा. प्रभलीन सिंह ने डा. मनमोहन सिंहश्री हरदीप सिंह पुरीश्री एस.एस. अहलुवालियाश्री मिल्खा सिंहश्री बिशन सिंह बेदी जैसे 50 प्रख्यात सिख नागरिकों के जीवन वृत्त का संकलन किया है। पुस्तक विमोचन के अवसर पर सिख समुदाय के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।




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