Skip to main content

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पुरस्कार देने की घोषणा की


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पुलिस स्मारक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा मोचन संचालनों में शामिल लोगों का सम्मान करने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पुरस्कार देने की घोषणा की। यह पुरस्कार आपदा के समय लोगों की जान बचाने में बहादुरी और साहस का प्रदर्शन करने के कार्य को पहचान देने के लिए प्रति वर्ष घोषित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स घटना के तीन जीवित सदस्यों को सम्मानित किया। श्री मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के संग्रहालय का भी उद्घाटन किया और आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले पुलिस कर्मियों के साहस और बलिदान को सलाम किया। उन्होंने हॉट स्प्रिंग्स लद्दाख में बहादुरी से लड़ने वाले बहादुर पुलिस कर्मियों के बलिदानों को याद किया और उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित करने में खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्मारक की केंद्रीय मूर्तिकला पुलिस बलों की क्षमतासाहस और सेवा भावना का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक से जुड़ी हर वस्तु देश के नागरिकों को पुलिस और अर्धसैनिक कर्मियों की बहादुरी के बारे में शिक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश जिस शांति, सुरक्षा और समृद्धि का आनंद उठा रहा है वह पुलिस, अर्धसैनिक और सशस्त्र बलों के लगातार प्रयासों के कारण ही संभव हुई है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों और राज्य आपदा मोचन बलों के योगदान का भी जिक्र किया और कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बल राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों का महत्वपूर्ण अंग है और आपदाओं से निपटने में उनके योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा इस स्मारक को एनडीए सरकार ने प्राथमिकता दी और इसे समय पर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों को अधिक से अधिक सम्मान देने के सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से अपने दैनिक कर्तव्य के निर्वहन में प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने का अनुरोध किया। इस संदर्भ में  प्रधानमंत्री ने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना (एमपीएफ) का उल्लेख किया जो प्रौद्योगिकी, आधुनिक संचार प्रणालियों और आधुनिक हथियारों के माध्यम से पुलिस बलों का आधुनिकीकरण कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस बलों को पुलिस और समाज के बीच के बंधन को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों से पुलिस स्टेशनों को नागरिकों के अधिक अनुकूल बनाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में केंद्रीय मूर्तिकला, कर्तव्य निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम उत्कीर्ण हुई साहस और वीरता दर्शाने वाली दीवार तथा शहीद पुलिस कर्मियों की यादगार को समर्पित एक आधुनिक संग्रहालय शामिल है।

*******

Comments

Popular posts from this blog

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Soviet man, Nikolai Machulyak, feeding a polar bear and his cubs with condensed milk, 1976.

Let us think about how we can fulfil the duties enshrined in our Constit...

भारत का इतिहास

भारत का इतिहास और संस्‍कृति गतिशील है और यह मानव सभ्‍यता की शुरूआत तक जाती है। यह सिंधु घाटी की रहस्‍यमयी संस्‍कृति से शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। भारत के इतिहास में भारत के आस पास स्थित अनेक संस्‍कृतियों से लोगों का निरंतर समेकन होता रहा है। उपलब्‍ध साक्ष्‍य सुझाते हैं कि लोहे, तांबे और अन्‍य धातुओं के उपयोग काफी शुरूआती समय में भी भारतीय उप महाद्वीप में प्रचलित थे, जो दुनिया के इस हिस्‍से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है। चौंथी सहस्राब्दि बी. सी. के अंत तक भारत एक अत्‍यंत विकसित सभ्‍यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था। *******