इसरो ने रचा इतिहास
"इसरो ने एक साथ 20 सैटेलाइट का किया प्रक्षेपण"
★भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पीएसएलवी C- 34 के ज़रिए एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में पहुँचाया है.
★अांध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया.
★यह पहली बार है कि भारत ने एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है. इससे पहले ऐसा केवल अमरीका और रूस ही कर पाए हैं.
इस अभियान की 10 ख़ास बातें हैं-
- जो उपग्रह अतंरिक्ष में भेजे गए हैं उनमें भारत के तीन और 17 विदेशी उपग्रह हैं.
- पीएसएलवी के जरिए 36वीं बार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है.
- इससे पहले इसरो ने पीएसएलवी के ज़रिए 2008 में दस उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा था.
- पीएसएलवी जिन 17 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है वो व्यावसायिक हैं, जिनसे इसरो को कमाई होगी.
- इनमें से 13 उपग्रह अमरीका के हैं. बाकी के उपग्रह कनाडा, इंडोनेशिया और जर्मनी के हैं.
- एक उपग्रह जानी-मानी कंपनी गूगल का है. यह एक भू-सर्वेक्षण उपग्रह है.
- अमरीका के इतने उपग्रहों को एक बार में अंतरिक्ष में भेजने से बेहतरीन भारत-अमरीका संबंधों का संकेत मिलता है.
- पीएसएलवी भारत का अपना बनाया हुआ रॉकेट है. यह 44 मीटर ऊंचा है यानी सात मंज़िला इमारत से भी अधिक ऊंचा.
- प्रक्षेपण के समय इसका वज़न क़रीब 320 टन होता है.
- इसरो ने मंगलयान और चंद्रयान को पीएसएलवी के जरिए ही अंतरिक्ष में भेजा था.
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