Skip to main content

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुर्नगठित राष्ट्रीय बांस मिशन को स्वीकृति दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुर्नगठित राष्ट्रीय बांस मिशन को स्वीकृति दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 25 अप्रैल 2018 को 14वें वित्त आयोग (2018-19 तथा 2019-20) की शेष अवधि के दौरान सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसए) के अंतर्गत केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) को स्वीकृति दे दी है. मिशन सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला बनाकर और उत्पादकों (किसानों) का उद्योग के साथ कारगर संपर्क स्थापित करके बांस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करेगा.   

कार्यकारी समिति का सशक्तिकरण: 

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने एनबीएम के दिशा-निर्देशों को तैयार करने तथा दिशा-निर्देशों में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की स्वीकृति के साथ राज्यों की विशेष सिफारिशों के अनुसार समय-समय पर उठाए गए कदमों के लिए लागत के तौर-तरीकों सहित अन्य परिवर्तन करने के लिए कार्यकारी समिति को शक्तियां प्रदान करने को भी अपनी मंजूरी दे दी.   व्ययः सरकार ने 14वें वित्त आयोग (2018-19 तथा 2019-20) की शेष अवधि के दौरान मिशन लागू करने के लिए 1290 करोड़ रुपये का (केन्द्रीय हिस्से के रूप में 950 करोड़ रुपये के साथ) प्रावधान किया गया है.   

लाभार्थीः 

यह योजना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों, स्थानीय दस्तकारों और बांस क्षेत्र में काम कर रहे अन्य लोगों को लाभ होगा. 

पौधरोपण के अंतर्गत लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लाने का प्रस्ताव किया गया है. पौधरोपण को लेकर प्रत्यक्ष रूप से लगभग एक लाख किसान लाभान्वित होंगे.   सीमित राज्य या जिलेः मिशन उन सीमित राज्यों में जहां बांस के सामाजिक, वाणिज्यिक और आर्थिक लाभ हैं वहां बांस के विकास पर फोकस करेगा, विशेषकर पूर्वोत्तर क्षेत्र में और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रेदश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में.   यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के पुनर्गठन को मंजूरी दी  

 महत्व: 

यह मिशन 4,000 शोधन और उत्पाद विकास इकाईयां स्थापित करेगा. बांस पौधरोपण से कृषि उत्पादकता और आय बढ़ेगी और परिणामस्वरूप भूमिहीनों सहित छोटे और मझौले किसानों तथा महिलाओं की आजीविका अवसर में वृद्धि होगी. इस तरह यह मिशन न केवल किसानों की आय बढ़ाने के लिए संभावित उपाय के रूप में काम करेगा, बल्कि जलवायु को सुदृढ़ बनाने और पर्यावरण लाभों में भी योगदान करेगा. यह कुशल और अकुशल दोनों क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन में सहायक होगा. यह कृषि आय के पूरक के रूप में गैर-वन सरकारी और निजी भूमि में बांस पौधरोपण क्षेत्र में वृद्धि करेगा और जलवायु परिवर्तन की दिशा में मजबूती से योगदान प्रदान करेगा. यह सूक्ष्म, लघु और मझौले स्तरों पर उत्पाद विकास को प्रोत्साहित करेगा. कौशल विकास, क्षमता सृजन और बांस क्षेत्र के विकास के बारे में जागरूकता को प्रोत्साहित करेगा.  

राष्ट्रीय बांस मिशन का पुनर्गठन क्यों हुआ?

राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम) प्रारंभ में वर्ष 2006-07 में केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया था. वर्ष 2014-15 में इसे बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (एमआईडीएच) के अंतर्गत शामिल कर लिया गया. ऐसा 2015-16 तक चला. वर्ष 2006-07 से बांस पौधरोपण के अंतर्गत 3.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया और बांस के 39 थोक बाजार, 40 बांस बाजार स्थापित किए गए और 29 खुदरा दुकानें खोली गई. आईबीएम के अंतर्गत पहले किए गए बांस रोपण के रख-रखाव के लिए धन जारी किए गए थे और कोई नया कार्य नहीं शुरू किया गया था और वार्षिक कार्य योजना भी नहीं शुरू की गई थी. 

Comments

Popular posts from this blog

Statue Of Unity

2019 polls helped break walls, connected hearts: PM Narendra Modi https://www.dnaindia.com/india/report-2019-polls-helped-break-walls-connected-hearts-pm-narendra-modi-2753725 via NaMo App