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G.S.T.



पुरे देश में एक प्रकार की टैक्स व्यवस्था लागू होगी | ये देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक के रूप में देखा जा रहा है | वस्तु और सेवाओ पर लगने वाले सभी कर समाप्त होंगे जो अब एक ही कर में सम्मिलित होगा | इससे उत्पादन की लागत भी घटेगी जिससे वस्तुओ के दाम कम होंगे | जिससे उपभोक्ताओ के लिए सामान और भी सस्ता होगा | इससे टैक्स में होने वाली समस्यावो और टैक्स चोरी करने वालो पर भी लगाम लगेगा जिससे काले धन पर भी लगाम लगेगा | जीएसटी से टैक्स ( कर ) भरना आसान होगा और इससे कारोबार के नए अवसर भी मिलेंगे |
-    इसके द्वारा (जी.डी.पी.) में १ या २ % की बढोतरी का भी अनुमान लगाया जा रहा है |
-    इससे एक्सपोर्ट मार्केट ( बाजार ) में भी तेजी आने की उम्मीद है
-    राज्यों को होने वाले किसी भी नुकसान के लिए ५ साल तक केंद्र मदत करेगा |
-    रेवेनुए रेट १८ % किया गया है |
-    राज्यों को मिलने वाले मनोरंजन कर ,वैट,लुक्सेरी (लग्जरी) कर आदि समाप्त हो जायेंगे |

जीएसटी में तीन ही कर वसूले जाएंगे-

-    पहला सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी), जो केंद्र सरकार वसूलेगी।
-    दूसरा स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी), जो राज्य सरकार अपने यहां के कारोबार पर वसूलेगी,
-    तीसरा, दो राज्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के कारोबार पर वसूली जाने वाली इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी), जो सिर्फ केंद्र सरकार वसूलेगी।

जीएसटी तमाम तरह की वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगेगी, जिसमें मानव उपभोग के लिए शराब शामिल नहीं है। इसके अलावा, शुरू में यह कर कच्चे पेट्रोलियम पदार्थो, हाई-स्पीड डीजल, मोटर स्प्रिट, प्राकृतिक गैस व विमानन टरबाइन ईंधन पर भी नहीं लगेगा। यह छूट कब खत्म करनी है, इसका फैसला जीएसटी कौंसिल ही करेगी।



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भारत का इतिहास

भारत का इतिहास और संस्‍कृति गतिशील है और यह मानव सभ्‍यता की शुरूआत तक जाती है। यह सिंधु घाटी की रहस्‍यमयी संस्‍कृति से शुरू होती है और भारत के दक्षिणी इलाकों में किसान समुदाय तक जाती है। भारत के इतिहास में भारत के आस पास स्थित अनेक संस्‍कृतियों से लोगों का निरंतर समेकन होता रहा है। उपलब्‍ध साक्ष्‍य सुझाते हैं कि लोहे, तांबे और अन्‍य धातुओं के उपयोग काफी शुरूआती समय में भी भारतीय उप महाद्वीप में प्रचलित थे, जो दुनिया के इस हिस्‍से द्वारा की गई प्रगति का संकेत है। चौंथी सहस्राब्दि बी. सी. के अंत तक भारत एक अत्‍यंत विकसित सभ्‍यता के क्षेत्र के रूप में उभर चुका था। *******